बगैर परमिशन के वक्फ की जमीन का इस्तेमाल करना गलत,मोदी सरकार बहुत जल्द सरकार खो देंगे&बदरुद्दीन अजमल

नई दिल्ली

पूर्व सांसद बदरुद्दीन अजमल ने वक्फ से संबंधित नए विधेयक का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि देश भर में वक्फ संपत्तियों को लेकर जो चर्चाएँ हो रही हैं, उनमें दिल्ली की प्रमुख जगहों पर स्थित इमारतों और क्षेत्रों को भी शामिल किया जा रहा है। अजमल का दावा है कि संसद भवन, उसके आसपास का क्षेत्र, और वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक का इलाका वक्फ की संपत्ति पर स्थित है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग यह मानते हैं कि दिल्ली का एयरपोर्ट भी वक्फ की जमीन पर बनाया गया है।

इस तरह के बयान से वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रही चर्चाओं में और अधिक विवाद जुड़ गया है। वक्फ की संपत्तियों का उपयोग आमतौर पर धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए होता है, और इन संपत्तियों के स्वामित्व के सवाल अक्सर जटिल कानूनी और राजनीतिक विवादों का विषय बनते हैं। अजमल के इस बयान से यह मुद्दा और अधिक संवेदनशील हो सकता है, और सरकार की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी, खासकर अगर इसे संसद में चर्चा का विषय बनाया जाता है।उन्होंने आगे कहा, “बिना अनुमति के वक्फ की जमीन का इस्तेमाल करना गलत है। वक्फ बोर्ड के इस मुद्दे पर वे (मोदी सरकार) बहुत जल्द अपनी सरकार खो देंगे।” इस बीच, विपक्षी सांसदों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान संसदीय आचार संहिता के घोर उल्लंघन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है।

पूर्व सांसद अजमल ने वक्फ बिल का विरोध किया है और कहा, “इस बारे में आवाजें उठ रही हैं और दुनिया भर में वक्फ संपत्तियों की सूची सामने आ रही है। संसद भवन, उसके आसपास के इलाके और वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक का पूरा इलाका वक्फ की संपत्ति पर बना है। लोगों का यह भी कहना है कि एयरपोर्ट वक्फ की संपत्ति पर बना है।”

उन्होंने आगे कहा, “बिना अनुमति के वक्फ की जमीन का इस्तेमाल करना गलत है। वक्फ बोर्ड के इस मुद्दे पर वे (मोदी सरकार) बहुत जल्द अपनी सरकार खो देंगे।” इस बीच, विपक्षी सांसदों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान संसदीय आचार संहिता के घोर उल्लंघन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है।

इस पत्र में विपक्षी सांसदों ने 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित JPC की बैठक के दौरान समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल द्वारा संसदीय आचार संहिता और प्रक्रिया के नियमों के कई उल्लंघनों का आरोप लगाया है। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में विपक्षी सांसदों ने कहा, “समिति की कार्यवाही अध्यक्ष जगदंबिका पाल द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से संचालित की गई। अध्यक्ष द्वारा अनवर मणिप्पाडी को समिति के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए दिया गया निमंत्रण समिति के दायरे और अधिकार क्षेत्र में नहीं है।”

विपक्षी सांसदों ने यह भी दावा किया कि “कर्नाटक वक्फ घोटाला रिपोर्ट 2012 पर आधारित वक्फ विधेयक 2012 पर प्रस्तुति” शीर्षक वाले नोट में वक्फ विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं थी, बल्कि इसमें मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ केवल राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप थे।

विपक्षी सांसदों ने 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के दौरान अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर संसदीय आचार संहिता और प्रक्रिया के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि जगदंबिका पाल ने समिति की कार्यवाही को पक्षपातपूर्ण तरीके से संचालित किया। विशेष रूप से, विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जताई है कि अध्यक्ष ने अनवर मणिप्पाडी को समिति के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया, जो उनके अनुसार समिति के दायरे और अधिकार क्षेत्र में नहीं आता था।

यह विवाद इस बात पर केंद्रित है कि समिति की कार्यवाही निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए, और विपक्षी सांसदों का आरोप है कि इस बैठक में ऐसा नहीं हुआ। संसदीय समितियों में इस प्रकार के आरोप गंभीर माने जाते हैं, क्योंकि ये समितियाँ महत्वपूर्ण नीतिगत और विधायी मामलों पर विचार करती हैं। ऐसे मामलों में लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि उन्हें इन आरोपों का मूल्यांकन करना होता है और यह सुनिश्चित करना होता है कि संसदीय प्रक्रियाओं का पालन हो।

विपक्षी सांसदों ने अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि जिस नोट का शीर्षक “कर्नाटक वक्फ घोटाला रिपोर्ट 2012 पर आधारित वक्फ विधेयक 2012 पर प्रस्तुति” था, उसमें वक्फ विधेयक पर कोई ठोस टिप्पणी या विश्लेषण नहीं था। इसके बजाय, उन्होंने दावा किया कि उस नोट में कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख नेताओं, विशेष रूप से मल्लिकार्जुन खड़गे, के खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप लगाए गए थे।

सांसदों का कहना है कि इस प्रस्तुति का असल उद्देश्य वक्फ विधेयक से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना था, लेकिन इसके बजाय इसे राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए इस्तेमाल किया गया। विपक्षी नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे मुद्दों पर निष्पक्ष और तथ्यात्मक चर्चा होनी चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जाना चाहिए।

 

  • Related Posts

    खाने में थूकने से जुड़ी घटनाओं को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार एक्शन, लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना

    देहरादून उत्तराखंड सरकार ने  खाने में थूकने से जुड़ी घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. उन्होंने ऐसा करने वालों पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने…

    ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, परमिट… दिल्‍ली में अब सबकुछ जल्द ही हो सकते हैं डिजिटल, जानिए कैसे

    नई दिल्ली  दिल्ली में जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और वाहनों के पंजीकरण प्रमाणपत्र (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) (आरसी) डिजिटल हो सकते हैं। राज्य सरकार वाहन मालिकों को सत्यापन प्रक्रिया (वेरिफिकेशन प्रोसेस)…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    सिंहस्थ से पहले उज्जैन और मक्सी के बीच फोरलेन रोड बनेगा, शहरों को जोड़ने वाली सड़कें भी होंगी चौड़ी

    • By
    • October 18, 2024
    • 1 views
    सिंहस्थ से पहले उज्जैन और मक्सी के बीच फोरलेन रोड बनेगा, शहरों को जोड़ने वाली सड़कें भी होंगी चौड़ी

    Gaza की सड़कों पर कुत्तों का कहर, नोच रहे लोगों के शव

    • By
    • October 18, 2024
    • 0 views
    Gaza की सड़कों पर कुत्तों का कहर, नोच रहे लोगों के शव

    यौन शोषण करने वाले पादरी की हरकत महाधर्मप्रांत को भारी पड़ी, 880 मिलियन डॉलर के भुगतान

    • By
    • October 18, 2024
    • 0 views
    यौन शोषण करने वाले पादरी की हरकत महाधर्मप्रांत को भारी पड़ी, 880 मिलियन डॉलर के भुगतान

    खाने में थूकने से जुड़ी घटनाओं को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार एक्शन, लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना

    • By
    • October 18, 2024
    • 0 views
    खाने में थूकने से जुड़ी घटनाओं को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार एक्शन, लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना

    ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, परमिट… दिल्‍ली में अब सबकुछ जल्द ही हो सकते हैं डिजिटल, जानिए कैसे

    • By
    • October 18, 2024
    • 0 views
    ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, परमिट… दिल्‍ली में अब सबकुछ जल्द ही हो सकते हैं डिजिटल, जानिए कैसे

    प्रवीण तोगड़िया और मोहन भागवत की मुलाकात के कई मायने?

    • By
    • October 18, 2024
    • 0 views
    प्रवीण तोगड़िया और मोहन भागवत की मुलाकात के कई मायने?