पांच राज्यों में ELECTION 2021 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। मतलब तैयारियां चुनाव आयोग की तरफ से भी मुकम्मल है और साथ ही राजनीति पार्टी अभी जोर आजमाइश में लगी है। 27 मार्च से चुनाव की शुरुआत होगी और पांच राज्यों में नतीजे आएगी 2 मई को।
पांच राज्य कौन से हैं ?
पश्चिम बंगाल
असम
केरल
तमिल नाडु
पुडुचेरी
अलग-अलग राज्यों के लिए चुनाव आयोग की ओर से तैयारी पूरी हो चुकी है।
किस राज्य में कितने चरण में चुनाव ?
पश्चिम बंगाल में आठ चरण में मतदान ।
असम में तीन चरण में मतदान होगे।
केरल में एक चरण में मतदान होगे।
तमिलनाडु में एक चरण में मतदान होंगे।
पुडुचेरी में एक चरण में मतदान होंगे।
पांचों राज्यों में राजनीतिक पार्टियों की ओर से तैयारियां की जा रही है। पश्चिम बंगाल की 294 सीटों के लिए बीजेपी और टीएमसी पूरी तरह से जोर लगा रही है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के लिए काफी एहम है।
पश्चिम बंगाल में क्या होगा ?
पश्चिम बंगाल लेफ्ट पार्टियों का गढ रहा है बीजेपी। पश्चिम बंगाल में बीजेपी की खास पकड़ नहीं रही है। 2019 में 45 सीटों में से 18 सीटें पर बीजेपी को जीत मिली थी। बंगाल के जरिए बीजेपी नॉर्थ ईस्ट पर नजर बनाए रखना चाहती है। बंगाल में जित से बीजेपी को और मजबूती मिलेगी। टीएमसी अपने किले को बचाने की कोशिश कर रही है।
असम में क्या होगा ?
बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार बीजेपी के लिए सीएए -एनआरसी का मुद्दा बीजेपी के लिए पड़ सकता है भारी। विधानसभा चुनाव में वेलफेयर स्कीम के जरिए फायदा उठाना चाहती थी बीजेपी। वहीं कांग्रेस को एआईयूडीएफ संग गठबंधन का मिल सकता है फायदा। अगर कांग्रेस गठबंधन कि यहां पर जीत होती है तो एक तरफ से फिर से पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस अपनी पकड़ को मजबूत कर सकती है। हर किसी की नजर भले ही पश्चिम बंगाल और असम के विधानसभा चुनाव पर हो लेकिन दक्षिण में तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव भी काफी दिलचस्प है।
तमिलनाडु में क्या होगा ?
मौजूदा वक्त में एनडीए की सरकार है। डीएमके हैं मुख्य विपक्षी दल है। डीएमके इस वक्त यूपीए का हिस्सा है। और कांग्रेस के साथ गठबंधन में केंद्र की सत्ता पर काबिज तमिलनाडु में पैर जमाने की कोशिश में बीजेपी लग गई है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करारी हार मिली थी उस वक्त के बाद तमिलनाडु ऐसा राज्य है। जहां से कांग्रेस को उम्मीद की एक किरण नजर आ रही है। वहीं केरल भी काफी दिलचस्प होने वाला है जहां पर कांग्रेस की ओर से खुद राहुल गांधी पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं।
केरल में क्या होगा ?
केरल की सत्ता फिलहाल लेफ्ट के हाथों में है। केरल में बीजेपी की पकड़ कमजोर है। हालांकि मेट्रो मैन को ज्वाइन कराने का मिल सकता है फायदा। कांग्रेस को राहुल के उत्तर दक्षिण वाले बयान का मिल सकता है फायदा। उत्तरी भारत से कांग्रेस को सूपड़ा एक तरफ से साफ हो चुका है। उम्मीद की किरण कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत है। दक्षिण में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा तो कांग्रेस का हाल और भी बुरा हो जाएगा। संभव है कि कोरोना का असर चुनाव के रिजल्ट में भी नजर आ सकता है।