भोपाल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने आज कहा कि देश में आपातकाल लगाने वाले तत्कालीन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं श्रीमती इंदिरा गांधी और संजय गांधी के साथ रह चुके प्रदेश कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष कमलनाथ को भी इस संबंध में अपनी भूमिका के बारे में स्पष्ट करना चाहिए।
शर्मा ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि देश में तत्कालीन कांग्रेस नेताओं ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की थी। यह दिन आज भी देश के लोकतांत्रिक इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है। अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए कांग्रेस की तत्कालीन वरिष्ठ नेता इंदिरा गांधी ने न सिर्फ लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया था, बल्कि लोकतंत्र सेनानियों को जेल में ठूंसकर कठोर यातनाएं दीं, जिसके चलते कई लोगों को जान भी गवानी पड़ी थी।
शर्मा ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की बात करने वाले लाखों लोगों को जेल में बंद कर दिया गया। मीडिया को भी नहीं छोड़ा गया था और उस पर भी बंदिशें लगा दी गयी थीं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की हत्या करने में इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी ने भूमिका निभाई थी और यह दुर्भाग्य की बात है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आपातकाल लागू करने वाले प्रमुख किरदारों में से एक थे। इस संबंध में कमलनाथ को स्वयं स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। शर्मा ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए इसमें भी कमलनाथ की भूमिका पर सवाल फिर से उठाया।
इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि आज आपातकाल का दिवस है। नेहरू-गांधी परिवार ने आपातकाल लगाकर देश में ग्रहण लगाने का काम किया था। देश में हजारों अखबार बंद कर दिए गए। पत्रकारों को भी जेलों में भेज दिया गया। और अब इसी विचारधारा को मानने वाले लोग देश में लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते हुए नजर आते हैं।