गुना
म्याना थानाक्षेत्र के भिड़रा गांव में दो माह पहले हुई लूट की वारदात के मामले में पुलिस द्वारा उठाए एक पारदी युवक की रविवार रात संदिग्ध मौत हो गई थी। इस प्रकरण से पारदी समुदाय के लोगों में आक्रोश है। मंगलवार को पारदी समुदाय की अनेक महिला कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में पहुंचीं और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया।
जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मानीं। इसी दौरान एक-दो महिलाओं ने अपने कपड़े भी फाड़ लिए। एक महिला ने अपना सिर जमीन पर पटक लिया, जिससे उसके सिर से खून बहने लगा।
इस दौरान पुलिसकर्मियों से महिलाओं की झूमाझटकी हुई। महिलाओं की चूड़ियां टूट गईं, कुछ पुलिसकर्मियों को भी खरोंचें आई हैं। कलेक्टर ने कुछ महिलाओं को दोबारा बुलाकर उनकी बात सुनी है।
एडिशनल एसपी मान सिंह ठाकुर ने बताया कि म्याना इलाके के भिड़रा गांव में हुई चोरी के मामले में पूछताछ करने के लिए देवा पारदी और गंगाराम पारदी को हिरासत में लिया गया था। रविवार शाम दोनों को चोरी हुए सामान की रिकवरी के लिए ले जा रहे थे। इस दौरान देवा के सीने में दर्द शुरू हो गया, उसे तुरंत म्याना के अस्पताल ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल लाया गया, जहां 45 मिनट तक चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गई।
बता दें कि मृतक देवा के खिलाफ छह केस दर्ज हैं। पुलिस जब उसे थाने लग ले गई, तब वह दूल्हे के लिबास में था। उसकी बारात जाने वाली थी। दुल्हन हाथों में मेहंदी लगाए इंतजार कर रही थी।
यह है मामला
बीलाखेड़ी के रहने वाले देवा पारदी की बरात गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क पर आने वाली थी। इससे पहले ही रविवार को पुलिस देवा और उसके चाचा गंगाराम को एक पुराने प्रकरण में हिरासत में लकर हवालात ले आई। देर रात देवा की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना से पारदी समुदाय के लोगों में गुस्सा है।
महिलाएं बोलीं- पुलिस झूठी, युवक को पीटा इसलिए गई जान
महिलाओं ने कहा, ‘यह झूठ बोला जा रहा है कि देवा पारदी (25) की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है। इतनी कम उम्र के लड़के को अटैक कैसे आ सकता है? पुलिस ने उसके साथ मारपीट की। उसके चाचा के साथ भी मारपीट की गई है।’
महिलाओं की मांग है कि देवा के चाचा गंगाराम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
बारात रवाना होनी थी, इससे पहले पुलिस पकड़कर ले गई
गुना जिले की झांगर चौकी पुलिस ने देवा पारदी और उसके चाचा गंगाराम पारदी को रविवार शाम 4.30 बजे पकड़ा था। रविवार को ही देवा की बारात गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क में जानी थी। रात में परिवार को देवा की मौत की सूचना मिली। मिनी ट्रक में भरकर महिलाएं जिला अस्पताल पहुंच गईं।
देवा की दुल्हन ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। चाची सूरजबाई ने खुद को आग लगा ली। दूसरे दिन सोमवार को भी परिवार के लोग पोस्टमॉर्टम भोपाल में कराने की मांग पर अड़ गए। मजिस्ट्रियल जांच के भरोसे पर वे माने।
पुलिस का दावा- सीने में दर्द उठने के बाद हुई मौत
एडिशनल एसपी मान सिंह ठाकुर ने बताया था, ‘म्याना इलाके के भिड़रा गांव में हुई चोरी के संबंध में पूछताछ के लिए देवा पारदी और गंगाराम पारदी को पुलिस ने हिरासत में लिया था। रविवार शाम दोनों को चोरी हुए सामान की रिकवरी के लिए ले जा रहे थे। इसी दौरान देवा के सीने में दर्द उठा। उसे म्याना के अस्पताल ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल लाया गया। यहां 45 मिनट तक उसका इलाज चला। सीपीआर भी दिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।’
देवा पारदी पर अलग-अलग थानों में 7 अपराध दर्ज हैं।
किया था आत्मदाह का प्रयास
घटना के बाद जब पुलिस युवक का शव लेकर गुना अस्पताल पहुंची थी, उस दौरान भी अस्पताल परिसर में खूब हंगामा हुआ था। यहां तक कि युवक की होने वाली पत्नी और उसकी चाची अस्पताल परिसर में खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने कोशिश भी की थी, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने तत्काल आग पर काबू पाकर महिलाओं को दूर हटा दिया था।