मांडविया ने शुक्रवार को यहां ‘स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन (आईएसएचटीए) 2023’ पर द्वितीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत के यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) एजेंडे के हिस्से के रूप में अपने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन की मदद से संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है। यह स्वास्थ्य क्षेत्र में संसाधन आवंटन और उपयोग के अनुकूलन के लिए विश्व स्तर पर व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली पद्धति है। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल मौजूद थे। संगोष्ठी में लगभग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
मांडविया ने कहा कि स्वास्थ्य को हमारे देश में एक सेवा माना जाता है और स्वास्थ्य क्षेत्र में संलग्न होना, मानवता की सेवा करने का अवसर देता है। उन्होंने को-विन का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत हमेशा वैश्विक समुदाय के लिए जिम्मेदार रहा है और देश में होने वाले किसी भी शोध और नवाचार को दुनिया के उपयोग के लिए आसानी से उपलब्ध है। उन्होंने कहा,“यह हमारी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि हम न केवल देश को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करें, बल्कि वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन के अनुरुप वैश्विक स्वास्थ्य सेवा लक्ष्यों को पूरा करने और सहयोग करने के लिए अपनी ताकत का उपयोग करें।”
डॉ. विनोद कुमार पॉल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली बनाना आने वाले भविष्य में वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक प्रगति के साथ-साथ कमजोर वर्ग को प्राथमिकता देती है। उन्होंने टेलीमेडिसिन क्षेत्र से सर्वोत्तम प्रणालियों का उपयोग करने पर जोर दिया। संगोष्ठी में भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि, 23 देशों के प्रतिनिधि, गाम्बिया, मोरक्को, लेसोथो, बुरुंडी और इरिट्रिया के राजदूत तथा भूटान, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, गाम्बिया, रवांडा, जिबूती, मेडागास्कर, मलावी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।