उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव ने शनिवार को कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य खेल प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा
उन्होने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश खेल नीति 2023 को मंजूरी दे दी है। इसका मकसद एक ऐसा एक्सपोर्ट इको सिस्टम स्थापित करना है, जिससे ओलंपिक में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में प्रदेश के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
यादव पत्रकारों से कहा कि अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में खेल सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। 10 करोड़ की प्रारंभिक राशि खेल विकास कोष का गठन किया जाएगा, इस धनराशि को आगे और बढ़ाया जाएगा। प्रत्येक रजिस्टर्ड खिलाड़ी का पाँच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय में अनिवार्य रूप से 40 मिनट प्रतिदिन खेल शारीरिक शिक्षा व योग के लिए निर्धारित होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 का आयोजन अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई के प्रथम सप्ताह में किया जाएगा। कल कैबिनेट में इस आयोजन के लिए पांच अलग-अलग कमेटियों के गठन को मंजूरी दे दी है, इसमें देशभर के विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों के कुल 8000 विद्यार्थी प्रतिभाग करेंगे और 21 खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसका आयोजन लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी एवं गौतम बुद्ध नगर में होगा। प्रदेश में पहली बार आयोजित किए जाने वाले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स गेम्स का उद्घाटन लखनऊ में होगा और समापन वाराणसी में होगा।
राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी ब्लॉक में अब एक-एक ग्रामीण के स्टेडियम व ओपन जिम का निर्माण कराया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को सामने लाने और परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपन जिम निर्माण योजना, संचालन, प्रबंधन एवं अनुरक्षण नीति को भी कल कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है।
उन्होंने कहा कि युवा कल्याण विभाग प्रथम चरण में ऐसे जिले जहां पर एक भी स्टेडियम नहीं है, वहां प्राथमिकता के अनुसार ग्रामीण स्टेडियम व ओपेन जिम का निर्माण कराएगा। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में ब्लॉक जहां पहले से स्टेडियम है वहां नहीं, बकिया हर ब्लॉक में ग्रामीण स्टेडियम व ओपन जिम बनाए जाएंगे।
यादव ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत जौनपुर में जो घाट का निर्माण हो रहा है पहले 8 करोड़ 5 लाख की उसकी स्वीकृति हुई थी, अभी उसमें 5 करोड़ और स्वीकृति हुई है, गोमती नदी में दूसरा घाट बन रहा है जो पर्यटन विभाग द्वारा बनाया जा रहा है, आने वाले दिनों में बारिश शुरू होने के पहले इसका दृश्य देखेंगे तो आपको बहुत परिवर्तन दिखाई पड़ेगा, क्योंकि इस काम को बहुत तेजी से साथ कराया जा रहा है।