बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने के अपने महत्वांकाक्षी सपने के दबाव में भ्रष्टचार से समझौता कर लिया और वे चारा घोटाला से लेकर “जमीन के बदले नौकरी घोटाले” तक में संलिप्त लालू परिवार को बचाने में लगे हैं।
मोदी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई होने पर बार-बार लालू परिवार को फंसाने का जो झूठा प्रचार किया जाता है, उसमें कोई दम होता तो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में अदालत से दोषी नहीं पाये जाते। उन्होंने कहा कि 2008 में लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध भ्रष्टचार के मामलों की जांच के लिए स्वर्गीय शरद यादव और श्री ललन सिंह ने ही पहल की थी।
भाजपा सांसद ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने उस समय सारे दस्तावेज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को उपलब्ध कराये और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन भी दिया था। आज यही लोग श्री लालू प्रसाद यादव पर कार्रवाई रोकने के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हैं।
मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने सत्ता में रहते हुए बस एक ही मंत्र अपनाया “तुम मुझे जमीन दो, मैं तुम्हें नौकरी दूंगाा।” उन्होंने कहा कि हर काम के लिए जमीन लेते हुए गरीब परिवार में जन्मे लालू प्रसाद यादव सबसे बड़े जमींदार बन गए। उनके पास पटना में 1 लाख वर्ग फुट से ज्यादा कीमती जमीन है।
भाजपा सांसद ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव को बताना चाहिए कि वे दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कालोनी में अरबो रुपये के चार मंजिला मकान के मालिक कैसे बन गए । उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने इंटरमीडिएट तक भी पढाई नहीं की और क्रिकेट में भी विफल रहे , लेकिन बिना कोई उद्योग-व्यापार किये मात्र 29 साल की उम्र में वे 52 सम्पत्तियों के मालिक कैसे बन गए । क्या इसकी जांच होनी चाहिए ।
मोदी ने कहा किलालू प्रसाद यादव ने विधायक, सांसद, मंत्री, एमएलसी बनावाने के बदले भी कीमती जमीनें परिवार के सदस्यों के नाम से लीं और खुद ही पूरे परिवार को फंसा दिया। उन्हें किसी दूसरे ने नहीं फंसाया। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक अबु दोजाना वही हैं, जो पटना में श्री तेजस्वी यादव का 750 करोड़ का मॉल बनवा रहे थे ।