मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आज सरकार से कहा कि वो यह सुनिश्चित करें कि विधायकों की ओर से लिखे जाने वाले पत्रों को संबंधित विभाग उपयुक्त जवाब दे।
गौतम ने प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य रामचंद्र दांगी की ओर से विधायकों के पत्रों का संबंधित विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं देने का आरोप लगाने पर यह व्यवस्था दी। अध्यक्ष गौतम ने कहा कि सभी मंत्री सदन में मौजूद हैं। वे यह सुनिश्चित करें कि जब कोई विधायक पत्र लिखे, तो संबंधित विभाग पलट के निश्चित तौर पर उस मामले में जवाब अवश्य दे। यदि संबंधित कार्य में कुछ अड़चन है, तो इस संबंध में भी संबंधित विधायक को बताया जाए।
इसके पहले मूल प्रश्नकर्ता दांगी ने कहा कि हम लोग पत्र लिखते हैं, लेकिन किसी भी विभाग से जवाब नहीं आता है। मंत्री इंदर सिंह परमार ने तत्काल कहा कि विधायक को पत्रों के जवाब दिए गए हैं। दांगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में कुछ कार्य होना है, लेकिन उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने दांगी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि यह एक परंपरा सी हो गयी है कि केंद्र या राज्य सरकार को विधायक पत्र लिखें, तो उनका जवाब नहीं आता है। उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के कार्यालय से जवाब अवश्य आता है। इसके बाद अध्यक्ष ने अपनी व्यवस्था दी।