मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विधानसभा में कहा कि विधायकों की स्वेच्छानुदान की राशि 25 लाख रुपए बढ़ाई जाएगी।
चौहान राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत कृतज्ञता प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वेच्छानुदान राशि का लाभ बड़ी संख्या में गरीबों को मिला है इसलिए विधायकों की 25 लाख रुपए की स्वेच्छानुदान की राशि, अभी जो मिल रही है, उससे बढ़ाई जाएगी। कोविड में इसे पहले पचास लाख रुपए किया था, अब पचास लाख से बढ़कर पचहत्तर लाख होगी, जिससे लोगों की काफी मदद हो पाएगी।
इस घोषणा के क्रम में कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने सुझाव दिया कि इस योजना में पच्चीस हजार रुपए एक बार में एक व्यक्ति को देने का प्रावधान कर दिया जाए। अभी केवल दस हजार रुपए का ही प्रावधान है, लेकिन महंगा इलाज होता है, ऐसे में इसे 25 हजार रुपए कर दिया जाए। इस पर चौहान ने कहा कि इस बारे में चर्चा करके उसका प्रावधान कर देंगे।
अपने लगभग डेढ़ घंटे के संबोधन में चौहान ने विपक्ष के आरोपों का एक-एक करके जवाब दिया। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे जनकल्याण के कार्यों की भी चर्चा की। विधानसभा का बजट सत्र 27 फरवरी को अभिभाषण के साथ शुरु हुआ था। अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने पेश किया। इस पर चार दिनों तक चर्चा चली है। इस में लगभग दो दर्जन से ज्यादा विधायकों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री के संबोधन के पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने भी अपनी बात कही।
चौहान ने कहा कि अब सरकार ने संकल्प लिया है कि यदि मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज में लाड़ली लक्ष्मी बेटियां जाती हैं तो उनकी फीस भी मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार भरवायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी परिवहन के लिए हवाई मार्ग का भी उपयोग करने का प्रावधान रखा गया है। 14 रोप-वे अलग-अलग शहरों में बन रहे हैं। उन्होंने उज्जैन का उदाहरण देते हुए कहा कि अब श्री महाकाल के दर्शन करने लोग बड़ी संख्या में आते हैं तो वे स्टेशन पर उतर कर रोप-वे में केबल कार में बैठेंगे और सीधे महाकाल महाराज के द्वार उतर जाएंगे। ऐसे 14 रोप-वे प्रस्तावित हैं।
उन्होंने बताया कि किसानों के लिए स्वयं का ट्रांसफार्मर, ‘ओन यूअर ट्रांसफार्मर’ लागू थी, वह योजना बीच में बन्द कर दी गई थी अब उसे पुनः प्रारंभ किया जा रहा है। पिछली सरकार में मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना बनाई थी, जिसके तहत खेतों की सड़कें तेजी से बनाने का काम हुआ था। अब फिर से उसे प्रारंभ किया जाएगा।
चौहान ने बताया कि अब नीट के माध्यम से परीक्षाएं होती हैं और वहीं से मेरिट लिस्ट बनकर आती है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि प्रायवेट स्कूलों के बच्चों के नीट की परीक्षा के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में ज्यादा एडमिशन होते हैं, वहीं सरकारी स्कूलों के बच्चे कम प्रवेश ले पाते हैं। सरकार अब यह तय कर रही है कि नीट के माध्यम से जो सरकारी स्कूल हैं, उनके बच्चों की दो मेरिट लिस्ट बनें। एक सामान्य मेरिट लिस्ट हो, जिसमें सामान्य मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमीशन हो जाए और सरकारी स्कूलों के बच्चों की 5 परसेंट की एक मेरिट लिस्ट अलग बनेगी, ताकि उनको मेडिकल कॉलेज में एडमीशन देकर, गरीबों के बच्चों को मेडिकल कॉलेज में ज्यादा प्रवेश दिलाने का काम हो।
एक अन्य प्रावधान के बारे में उन्होंने बताया कि कोविड के अलावा भी अगर किसी कारण से बच्चे अनाथ होते हैं तो उन सब बच्चों को अब मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का लाभ मिलेगा। इन सब बच्चों को अगर वे किसी परिजन के पास भी रह रहे हैं तो 4000 रुपए महीना उनके लालन-पालन के लिए दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को अब हवाई तीर्थ दर्शन यात्रा के माध्यम से भी तीर्थ यात्रा कराई जाएगी। इसके साथ दिव्यांगों के लिए भी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ की जाएगी।
मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद इस कृतज्ञता प्रस्ताव पर अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन से मत मांगा, जो ध्वनिमत से पारित हुआ।