नई दिल्ली
देश में मानसून ने गति पकड़ ली है। उत्तर भारत के कई राज्यों में इन दिनों अच्छी बारिश देखी जा रही है। मध्य भारत में हालांकि कहीं-कहीं अभी भी पर्याप्त बारिश नहीं है। मौसम के जानकारों का अनुमान है कि अगले 24 घंटों के दौरान कुछ राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। कहीं पर हल्की से मध्यम बारिश होगी तो कहीं पर गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। देश के मध्य भागों में भारी बारिश का लंबा दौर शुरू होने वाला है। बारिश पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ेगी और ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र तक फैल कर पूरे हिस्से को कवर कर सकती है। यहां जानिये देश के किस राज्य में मौसम का क्या हाल रहने वाला है। अगले 24 घंटों के दौरान, गोवा, दक्षिणी गुजरात और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश संभव है।
तीन बड़े नेताओं ने किया फोन
हरियाणा में अगले 2-3 घंटों के दौरान हरियाणा के जिलों में भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। हिसार, झज्जर, जींद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और सोनीपत में मौसम का पूर्वानुमान गर्म और बहुत असहज मौसम बना हुआ है। आसमान में बादल छाए रहेंगे। अगले 24 घंटों के दौरान सहारनपुर और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। स्कायमेट वेदर के अनुसार मुंबई में मानसूनी बारिश बार-बार हो होगी। 20 से 22 जुलाई के बीच मुंबई और उपनगरों में मध्यम से भारी बारिश का एक और दौर आ सकता है। अनुमान है कि अब अरब सागर से आने वाली पश्चिमी धारा फिर से तेज हो जाएगी। इस सप्ताह गुजरात के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। सौराष्ट्र और कच्छ में मध्य और उत्तरी गुजरात के कुछ हिस्सों की तुलना में अधिक बारिश होगी। दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में बारिश संभव है जिसमें गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद शामिल हैं। गुजरात में मूसलाधार बारिश के आसार है। इससे जनजीवन और यातायात प्रभावित होगा। सुरेंद्रनगर, राजकोट, मोरबी,बोटाद में भारी बारिश होने की संभावना है। अहमदाबाद, गांधीनगर, बड़ौदा आनंद में भी बारिश हो सकती है। दिल्ली में मानसून की छिटपुट बारिश हो रही है। यह बारिश अगले कुछ दिनों तक हल्की रहने की संभावना है और 21-22 जुलाई 2024 तक इसमें तेजी आने की संभावना है।
लौटता मानसून गिराता है बिजलियां
मौसम पूर्वानुमान की निजी एजेंसी स्कायमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, “मानसून से पहले के महीनों में या जब मानसून वापस जा रहा होता है, तब इतने बड़े पैमाने पर बिजली गिरती है। इसके चलते ही उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाएं देखी जा रही हैं।
जुलाई के अंत में होगी अधिक बारिश
“बारिश की तीव्रता बेहतर होगी। स्कायमेट वेदर के मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन विभाग का अनुमान है कि जुलाई के अंत में अधिक बारिश होने की संभावना है।