नई दिल्ली
दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट मामले में 29 जुलाई को फिर सुनवाई करेगा। मनीष सिसोदिया पिछले 16 महीने से जेल में हैं। सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और उसके बाद नौ मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। वह तभी से जेल में हैं। मंगलवार को न्यायमूर्ति बीआर गवई, संजय करोल और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान ये आदेश दिये।
मनीष सिसोदिया ने कोर्ट से लगाई गुहार
मनीष सिसोदिया की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विवेक जैन पेश हुए थे। मनीष सिसोदिया ने जमानत की मांग करते हुए कहा है कि जज साहब मैं 16 महीने से जेल में हैं और केस में कोई प्रगति नहीं हुई है, केस उसी चरण में है जहां अक्टूबर 2023 में था। कोर्ट ने केस में प्रगति न होने पर दोबारा कोर्ट आने की छूट दी थी।
अलग-अलग विशेष अनुमति याचिकाएं
मनीष सिसोदिया की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर ईडी सीबीआई को नोटिस जारी कर 29 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मनीष सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी दोनों ही मामलों में अलग-अलग विशेष अनुमति याचिकाएं दाखिल कर दोनों मामलों में जमानत देने की मांग की है।
सिसोदिया की जमानत याचिका
सिसोदिया ने दोनों विशेष अनुमति याचिकाओं में दिल्ली हाई कोर्ट के गत 21 मई के आदेश को चुनौती दी है। उस आदेश में दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके अलावा दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में ही आरोपी हैदराबाद के व्यापारी अभिषेक बोनीपल्ली की याचिका एक अन्य पीठ के सामने सुनवाई पर लगी थी।
बोनीपल्ली ने गिरफ्तारी को दी चुनौती
बोनीपल्ली ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। याचिका जस्टिस संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगी थी लेकिन जैसे ही मामला सुनवाई पर आया जस्टिस संजय कुमार ने स्वयं को सुनवाई से अलग कर लिया।
सुनवाई से लग अलग हुए जस्टिस कुमार
जस्टिस कुमार के सुनवाई से अलग होने के बाद जस्टिस खन्ना ने मामले को किसी अन्य ऐसी पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया जिसमें जस्टिस संजय कुमार शामिल न हों।