इस बार का बजट शिक्षा को अधिक व्यावहारिक, उद्योगोन्मुख बनाने वाला: मोदी

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि इस बार पेश किया बजट शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और उद्योगोन्मुख बनाकर उसकी बुनियाद मजबूत करता है।

आम बजट के विभिन्न पहलुओं पर हितधारकों के साथ राष्ट्रीय वेबीनार की श्रृखंला की तीसरी कड़ी में युवा शक्ति के उपयोग, कौशल और शिक्षा विषय पर दिए गए विशेष ध्यान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “युवाओं की सहज योग्यता और भविष्य की मांग को ध्यान में रखकर शिक्षा और निपुणता को नई दिशा दी जा रही है।”

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंग के रूप में शिक्षा और निपुणता, दोनों पर समान जोर दिया जा रहा है और इस पहल को शिक्षकों का समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि सरकार अतीत के नियम-कानून के बोझ से छात्रों को मुक्त करने के साथ-साथ शिक्षा और कौशल विकास सेक्टरों में आगे और सुधार करेगी।

उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी नये स्वरूप की कक्षायें बनाने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार उन उपायों पर गौर कर रही है, जो ‘हर स्थान से ज्ञान तक सुगमता’ सुनिश्चित करें। उन्होंने ‘स्वयम्’ नामक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का उदाहरण दिया, जिसके तीन करोड़ सदस्य हैं।

उन्होंने डीटीएच चैनलों के जरिये स्थानीय भाषाओं में पढ़ने के अवसर का भी उल्लेख करते हुए कहा कि देश में ऐसी अनेक डिजिटल तथा प्रौद्योगिकी आधारित पहलें हो रही हैं, जिन्हें राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय से अधिक से अधिक ताकत मिलेगी। “भविष्यगामी पहलें हमारी शिक्षा, कौशल और ज्ञान-विज्ञान के पूरे परिप्रेक्ष्य को बदल देंगी,” प्रधानमंत्री ने कहा, “अब हमारे शिक्षकों की भूमिका कक्षाओं तक सिमट के नहीं रहेगी।” उन्होंने कहा कि डिजिटल और प्रौद्योगिकी आधरित पहल से देशभर से शिक्षा संस्थानों के लिये विविध शिक्षण सामग्रियां उपलब्ध हो जायेंगी, जो गांव व शहरी स्कूलों के बीच के अंतराल को पाटते हुये शिक्षकों के लिये अवसरों के नये द्वार खोलेंगी।

उन्होंने कहा कि सरकार देश के युवाओं को ‘कक्षा से बाहर का अनुभव’ देने के लिये इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप प्रदान करने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि आज नेशनल इंटर्नशिप पोर्टल पर लगभग 75 हजार नियोक्ता उपस्थित हैं, जहां अब तक 25 लाख इंटर्नशिप की आवश्यकताओं को पोस्ट किया गया है। उन्होंने उद्योगों और शिक्षा संस्थानों से आग्रह किया कि वे इस पोर्टल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें तथा देश में इंटर्नशिप संस्कृति को और विस्तार दें।

उन्होंने कहा कि इससे उद्योगों को ऐसी श्रमशक्ति की पहचान करने में मदद मिलेगी, जो उसके लिये सही कौशल से लैस हो। इस वर्ष के बजट पर प्रकाश डालते हुये प्रधानमंत्री ने वजीफे के प्रावधान का उल्लेख किया, जो नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रोमोशन स्कीम के तहत लगभग 50 लाख युवाओं को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि इससे अप्रेंटिसशिप के लिये माहौल बन रहा है तथा भुगतान के मामले में उद्योग को भी मदद मिल रही है।

कुशल श्रमशक्ति की आवश्यकता को रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भारत को निर्माण केंद्र की तरह देख रही है। उन्होंने देश में निवेश करने के लिये आज विश्व के उत्साह का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में निपुणता पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 का उल्लेख किया जो आने वाले वर्षों में लाखों युवाओं को ‘स्किल, री-स्किल और अप-स्किल’ करेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के जरिये जनजातियों, दिव्यांगों और महिलाओं के लिये उनके अनुरूप सटीक कार्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार, उद्योग 4.0 के एआई, रोबोटिक्स, आईओटी और ड्रोन जैसे सेक्टरों के लिये कुशल श्रमशक्ति बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस तरह री-स्किलिंग पर ज्यादा ऊर्जा व संसाधन खर्च किये बिना अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिये प्रतिभाओं की तलाश करना आसान हो जायेगा।

प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना का भी उदाहरण दिया और पारंपरिक शिल्पकारों, दस्तकारों तथा कलाकारों के कौशल विकास पर जोर दिया, ताकि उन्हें नये बाजार के लिये तैयार किया जा सके और उन्हें उनके उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त करने में मदद की जा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसंधान उद्योग से उचित वित्तपोषण के लिये संभावनायें बनाते हुये बाजार की जरूरतों के मुताबिक अनुसंधान किया जाना चाहिये। इस वर्ष के बजट को रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कृत्रिम बौद्धिकता के लिये प्रस्तावित तीन उत्कृष्टता केंद्रों का उल्लेख किया और कहा कि इनसे उद्योग जगत-अकादमिक जगत की साझेदारी मजबूत होगी।

उन्होंने आईसीएमआर प्रयोगशालाओं के बारे में बताया कि ये प्रयोगशालायें अब मेडिकल कॉलेजों और निजी क्षेत्र की अनुसंधान व विकास टीमों के लिये भी उपलब्ध कराई जायेंगी। प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे देश में अनुसंधान व विकास इको-प्रणाली को मजबूत बनाने के लिये उठाये गये सभी कदमों का भरपूर लाभ उठायें।

प्रधानमंत्री ने उन युवाओं का अपडेटेड डाटाबेस तैयार किये जाने की इच्छा प्रकट की, जिन्हें ‘स्किल इंडिया मिशन’ के तहत प्रशिक्षित किया गया है।

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